كـابروا
فـي
مـداك
أم
أكـبروه
|
وأبــوا
مــا
صـنعت
أم
تبعـوه
|
والمـراد
الصـحيح
مـا
أعلنـوه
|
بعــد
صــمت
أم
الـذي
أضـمروه
|
وفـرار
مـن
فرصـة
الدهر
ما
شا
|
ءوا
مــن
المطـل
أم
دلالٌ
وتيـهُ
|
مـا
لهـم
أغفلـوا
كتابك
ثم
ار
|
تــدَّ
فيهــم
زعيمهــم
يتلــوه
|
أيـــدوه
فأيــدوك
وهــل
غــي
|
رُ
الــذي
أنــت
طــالب
كلَّفـوه
|
قـــدر
ســقته
فــآمن
بــالعق
|
بــى
وحســنِ
المصـير
منتظـروه
|
واتقــاه
الغضــاب
فاسـتمهلوه
|
واسـتعادوا
الصـواب
فاستعجلوه
|
وتلقــوا
دليلــك
الضـخم
منـه
|
يســتزيدون
بعـد
مـا
انتقصـوه
|
إنمـا
العهـد
مـا
كسبت
وإن
سم
|
مــوه
غيــر
اسـمه
وإن
أوَّلـوه
|
سـاوموا
في
الرضى
به
واستحلوا
|
ثمنــاً
للرضــى
وقــد
قبضــوه
|
أخـذوا
الأجـر
قبـل
أن
يسـتحقو
|
ه
ومــــن
يســـتحقه
حرمـــوه
|
كـل
مـا
أنفقـوه
للـوطن
الغـا
|
لـي
فـداء
لـو
صـح
مـا
زعمـوه
|
ولهـم
نفسـي
التي
ليس
لي
اليو
|
م
سـواها
لـو
جـاز
مـا
فرضـوه
|
آن
ميعـادهم
أيصـدق
مـا
امتـد
|
دت
بـــه
ألســنٌ
ودارت
وجــوه
|
ودنـت
سـاعة
الرحيـل
فهـم
يـغ
|
نيهــمُ
للرحيــل
مــا
مهــدوه
|
وأتـى
الـبرق
بالروايـات
ألوا
|
نــاً
فهــل
صــدقوه
أم
كـذبوه
|
وتمـام
الرضـى
بمـا
رد
مـن
حق
|
قٍ
مُضـــِيْعُوه
لا
بمـــا
أولــوه
|
ليتهم
يملكون
ما
استبقوا
السُبْ
|
لَ
إليــه
ومــا
هــمُ
مزمعــوه
|
فـإذا
أفلحـوا
اسـترحت
وإن
هم
|
أخفقـوا
بعـدُ
فهـو
مـا
ألفـوه
|
كـم
تمنيـت
أن
ترى
لك
في
الخي
|
رِ
شــبيهاً
فهـل
يجيـء
الشـبيهُ
|
وحــبيب
إليـك
أن
يقـدروا
مـا
|
أنـــت
آت
بـــه
ويســـتكملوه
|
أنـت
ذو
الحـق
لا
تبـالي
أحبـو
|
ه
علـــى
حــالتيه
أم
كرهــوه
|
ســجلته
لــك
البلاد
فمــا
فـي
|
عبــث
الحاســدين
مــا
يمحـوه
|
وســعت
نفســك
المكـاره
منهـم
|
والعتــاب
الـبريء
لـم
يسـعوه
|
ومضـوا
يمرحـون
فـي
جـدة
الحا
|
ل
وممــا
نســجت
مــا
لبســوه
|
واسـتباحوا
كرامـة
لك
في
الحك
|
مِ
وأنـت
الشـريف
فيـه
النزيـهُ
|
واســتخفوا
بكــل
عبــء
فلمـا
|
حملـوا
اليـوم
عـبئك
استثقلوه
|
وابتغـوا
ثـأرهم
سـؤالاً
ولـولا
|
أنـه
الفضـل
منـك
مـا
أدركـوه
|
واشـتفوا
منـك
فـي
رجال
أطاعو
|
ك
وأرضـــوك
بالــذي
أنفــذوه
|
خلــة
يســتوي
هنالــك
مـن
ول
|
لَــوه
فــي
شـرها
ومـن
عزلـوه
|
والـذي
كـان
يشـتكي
حكمك
العد
|
لَ
طغــى
حكمــه
فهــل
تشــكوه
|
قــد
بلاك
الزمـان
فيـه
فـأبلي
|
تَ
وهــــذا
زمـــانه
يبلـــوه
|
أيعيبــون
بعــد
عهــدهمُ
مــا
|
لســواهم
فــي
عهــدهم
ســنّوه
|
ليتهـم
فـي
الحكومة
اتخذوا
إح
|
دى
سـجاياك
فـي
الـذي
اتخـذوه
|
هيــن
بغيهــم
عليــك
إذا
لـم
|
يــؤذهم
بغيهـم
ومـا
اجـترحوه
|
فـي
سـبيل
البلاد
أم
لهـوى
شـي
|
طــانهم
مـا
لهجـوك
اسـتأجروه
|
أنــت
أم
ذلـك
المسـيطر
أولـى
|
بالعــداء
الـذي
لـك
الـتزموه
|
قربتهـم
إليـه
فوضـى
المقـادي
|
رُ
فجــاروا
عليــه
واسـتعطفوه
|
واسـتعانوا
عليـك
بالود
والزل
|
فـــى
إليــه
كــأنهم
أمنــوه
|
أغضـــبوه
تجـــارة
ثــم
دارو
|
ه
عســـى
يعرفــون
أن
يرضــوه
|
وإذا
ألزمــوه
عهــدك
لـم
تـع
|
وزهـــمُ
بعـــد
قــوة
تجلــوه
|
قلـق
الهنـد
عـون
مصـر
وأهلـي
|
هـا
علـى
مـا
لسـلمها
اشترطوه
|
وكفـى
القـوم
أن
مصـر
طريق
ال
|
هنـد
والحـارس
الـذي
ائتمنـوه
|
أيــود
العــدو
صــلحاً
ولا
يـص
|
طلـح
اليـوم
فـي
الحمـى
أهلوه
|
إنمـا
العـابثون
بـالوطن
الغا
|
لــي
بنــوه
إذا
تجـافى
بنـوه
|
ولقـد
تـذهب
الضـغينة
لـولا
ال
|
كـاتب
الفـظُّ
والخطيـب
السـفيهُ
|
يتغنّــى
بخطبهــم
وهــو
يجـري
|
فـي
الـدم
الطـاهر
الذي
بذلوه
|
أنـا
مـن
طـالب
الغريـم
وقاضا
|
ه
وعــاداه
قبــل
أن
يعرفــوه
|
جـل
فيهـم
وفيـك
شعري
وليت
ال
|
قــوم
يـوم
احـترمته
احـترموه
|
لـــم
تنبههــمُ
عظــاتيَ
حــتى
|
جــاءهم
مـن
عواصـفي
التنـبيهُ
|
لهـم
العـذر
في
الذي
هم
مسيئو
|
هُ
وشــكر
الــذي
هــمُ
محسـنوه
|
ولـك
الصـبر
مـا
استطعت
عليهم
|
علَّهــم
يبلغــون
مــا
ترجــوه
|
وعليـك
الضمان
إن
أبرموا
العه
|
دَ
وعـــادوا
وإن
هــمُ
نقضــوه
|