مــاذا
تريـد
مـن
الغوايـة
تبلـغ
|
وإلــى
مــتى
شـيطان
جهلـك
ينـزغ
|
راغـت
بـك
الأهـواء
عـن
سنن
الهدى
|
ولأنــت
عــن
نهــج
الشـريعة
أروغ
|
فــي
كــل
يـوم
غفلـة
مـا
تنقضـي
|
أزمانهــــا
وجهالـــة
لا
تفـــرغ
|
ان
زغــت
يومــا
عــن
قبيـح
مـرة
|
فالــدهر
أنـت
عـن
الأوامـر
أزيـغ
|
وشــغلت
وقتــك
بالبطالـة
دائمـا
|
فمـــتى
لربـــك
ســـاعة
تتفــرغ
|
تغفـى
عيونـك
ان
هفـا
بـرق
الهدى
|
وإذا
تشــــيم
ضـــلالة
لا
تهيـــغ
|
مـا
لـي
أراك
لـدى
الأوامـر
خابتا
|
ولــدى
المنــاهي
دائمــا
تتـبيغ
|
أمــر
الإلــه
فلــم
تسـغ
أحكـامه
|
ولأمــــر
إبليــــس
اراك
تســـوغ
|
حتــام
أنـت
علـى
القبيـح
مثـابر
|
فعلا
وقولــك
لا
أبــا
لــك
أملــغ
|
تمســى
وتضـحى
عـن
معـادك
سـاهبا
|
وجـواد
طرفـك
فـي
المعاصـي
مربـغ
|
غرتــك
دنيـاك
الغريـرة
مـذ
غـدت
|
تعـد
المنـى
والعيـش
ارفـع
ارفـغ
|
أو
مـــا
علمــت
بأنهــا
قتالــة
|
كــالأيم
ينقــث
بالــذعاف
ويلـذغ
|
هلا
قنعـــت
بجرعــة
مــن
مائهــا
|
وبلقمـــة
مـــن
قوتهــا
تتبلــغ
|
وتكثــث
حبـل
الـود
منهـا
زاهـدا
|
فــي
وصـلها
فالوصـل
منهـا
يوتـغ
|
وجعلـت
ذخـرك
فـي
القيامة
من
غدا
|
بــاحلق
جبهــة
كــل
شــرك
يـدمغ
|
أعنــى
النــبي
الابطحــي
محمــدا
|
مــن
جــاء
عـن
رب
السـماء
يبلـغ
|
أفلــت
كــواكب
كــل
شـرك
مـذاتي
|
كالشــمس
فـي
الآفـاق
اضـحت
تيـزغ
|
خطمــت
بــه
بـزل
الضـلال
واسـكتت
|
لمـا
اغتـدى
هـذا
الفنيـق
يشغشـغ
|
أملـــى
كتابــا
احكمــت
آيــاته
|
حاشــاه
مــن
فــدم
بجهــل
ينشـغ
|
جمــع
الفصــحاة
والبلاغــة
كلهـا
|
فهــو
الفصــيح
ومـن
سـواه
الثـغ
|
نبغــت
مغــارس
اصــله
فـي
دوحـة
|
مــن
هاشــم
فلنعــم
ذاك
المنبـغ
|
مـن
مبشـر
تركـوا
غـداة
الملتقـى
|
هــام
الاشــاوس
مـن
ظبـاهم
تتلـغ
|
مـن
كـل
اصـيد
ان
نضـا
بيض
الظبى
|
فـي
الحـال
تخضـب
بالـدما
وتصـبغ
|
لبسوا
الدروع
على
الجسوم
ولحزمهم
|
والقلـب
منهـم
فـوق
ذينـك
افرغوا
|
صــلبت
لهـم
فـي
الجاهليـة
نبعـة
|
مــا
زال
يزكــو
عبصـها
اذ
تتبـغ
|
وضــفا
لهــم
بمحمــد
لمــا
أتـى
|
ثــوب
الفخــار
وذاك
ثــوب
اسـبغ
|
يـا
سـيد
الرسـل
الكـرام
ومـن
به
|
آمالنــا
يــوم
القيامــة
نبلــغ
|
أنــت
المؤمــل
للخلاص
إذا
اغتـدت
|
نــار
الجحيــم
لفـرط
غيـظ
تنشـغ
|
صــلى
عليـك
اللَـه
يـا
مـن
مـدحه
|
أحلــى
مـن
المـاء
الـزلال
واسـوغ
|
وعلـى
القرابـة
والصـحابة
ما
جلا
|
هــذي
الشــموس
بــافقهن
المـبزغ
|