إليـك
عنـي
يـا
نفسـي
إليـك
|
فمـا
لهـا
ما
يقابل
ما
عليك
|
فهــل
أمَّـارة
بالسـوء
يلفـى
|
لـديها
بعـض
مـا
يلفـى
لديك
|
بتهلكـة
لقـد
ألقيـت
مني
ال
|
لــذي
ألقيــت
آه
مـن
يـديك
|
فلا
أدري
أقـــوالي
آه
منــي
|
يـــبرِّد
غلــتي
أم
آه
منــك
|
ومــا
مـن
موبقـات
صـح
عنـي
|
بواسـطة
الهـوى
أرويـه
عنـك
|
مضـى
عصـر
الصـبا
كزمان
ورد
|
ولـم
يبـق
عـدمتك
غيـر
شـوك
|
ألــم
يـأنى
لـك
الاقلاع
عمـا
|
بســوء
ختــامه
يســود
صـكي
|
تعـالي
ويـك
نكـثر
مـن
عويل
|
وتعديـد
علـى
مـا
فـات
ويـك
|
أعــدِّد
كــل
آونــة
ذنوبــا
|
عليهــا
كلمــا
عـدَّدت
أبكـي
|
ويسـتر
بالريـاء
نفـاق
قلبي
|
لسـاني
يـا
لسـتر
فيـه
هتكي
|
ولــي
نفــس
تعرَّضـني
لحتفـي
|
وتعرضـني
علـى
تبعـات
هلكـي
|
سـفاها
كـم
تناشـدني
شـفاها
|
حـذار
حـذار
مـن
بطشي
وفتكي
|
إذا
حككتهــا
ظهــرت
زيوفـا
|
وزيـف
التـبر
يظهـر
بالمحـك
|
أنا
ما
عشت
أشكو
الضيم
منها
|
فلا
عاشـت
ومنـي
الضـيم
تشكي
|
وإن
قابلتهــا
يومــا
بـزور
|
تقـــابلني
مغالطــة
بأفــك
|
فلا
عمــا
يشــين
أكــف
كفـي
|
ولا
فيمــا
يزيــن
أفـك
فكـي
|
وتعلكنـــي
بألســنة
أنــاس
|
فيكـثر
فـي
لحوم
الناس
علكي
|
وانـي
والعليـم
بكنـه
حـالي
|
ومـن
عـن
دركـه
قـد
كلَّ
دركي
|
لئن
دلســت
كفرانــا
بشــكر
|
فمــا
دنســت
ايمانـا
بشـرك
|
ومـن
يـك
حب
أهل
البيت
ذخرا
|
لـه
ينجـو
غـدا
مـن
غيـر
شك
|
فهــم
للمختشـى
غرقـا
ببحـر
|
تلاطــم
بالـذنوب
عظيـم
فلـك
|
وهــم
فـرج
لمـن
سـدَّت
عليـه
|
منافــذ
أوقعتــه
بكـل
ضـنك
|
نصــال
مناضــل
ونبــال
رام
|
وقضــب
مضــارب
وسـيوف
بتـك
|
ليــوث
ملاحــم
وغيــوث
محـل
|
وحــــزب
ملائك
وولاة
ملــــك
|
فــروع
نبــوَّة
وأصــول
ديـن
|
وفتيــة
طاعــة
ورجـال
نسـك
|
شــموس
معــارف
وبـدور
عـرف
|
وأنجــم
رفعـة
مـن
ذات
حبـك
|
ببـدر
قـد
أعـادوا
عبـد
شمس
|
كشــمس
العصـر
جانحـة
لـدلك
|
وكم
في
الحرب
صانوا
من
دماء
|
أعــدَّوها
بنــو
حــرب
لسـفك
|
وقـد
تركـوا
لهم
دنيا
رأوهم
|
بهــا
أحـرى
فسـاموها
لـترك
|
سـواهم
أهـل
بيـت
لـم
يطهـر
|
مـن
الرجـس
الالـه
ولـم
يـزك
|
وكــم
رجـس
تـدنس
فيـه
قـوم
|
يزيـد
علـى
يزيـد
فيـه
ضحكي
|
أصــعد
زفرتـي
فتصـوب
دمعـا
|
يخلـص
باتقـاد
الوجـد
سـبكي
|
وأنـثر
مـن
عقيق
الدمع
عقدا
|
فــانظم
نعتهــم
منـه
بسـلك
|
عليهــم
مــن
مـواليهم
سـلام
|
مـع
الصـلوات
يحبـك
أي
حبـك
|
مـدى
الأيـام
مـا
نـاحت
وحنت
|
مطوِّقــة
علــى
عــذبات
أيـك
|
ومـا
فـاحت
نوافـج
من
ثنائي
|
علــى
حضـراتهم
بختـام
مسـك
|