نفــدت
دمـوعي
والأسـى
لا
يفنـد
|
اليـوم
يبكينـي
ويبكينـي
الغد
|
بـالله
يـا
وطنـي
أمالـك
راحم
|
أكــذاك
نـارك
كـل
يـوم
توقـد
|
وجـدي
عليـك
ولسـت
وحدي
واجداً
|
مــن
يعرفونـك
وأجـد
أو
موجـد
|
ذهبـت
محاسـنك
الـتي
أنشـدتها
|
فــإذا
صـبوت
فـأي
حسـن
أنشـد
|
إن
يطـالمو
لا
فكم
أصابك
ظلمهم
|
إن
كنـت
تجحـده
فمـا
أنا
أجحد
|
أو
ينزلـوا
بـك
للحضـيض
خيانة
|
فلعهــدنا
بـك
للكـواكب
تصـعد
|
لـو
كـان
في
هذي
المنازل
مصلح
|
مـا
سـاد
في
هذي
المنازل
مفسد
|
إن
يحرقوهــا
ظـالمين
فبعـدها
|
نـار
سـتحرق
فـي
لظهـا
الأكبـد
|
أفـروق
مـا
لك
في
البرية
منجد
|
كلا
ولا
لــي
فـي
البريـة
منجـد
|
فســتظلمين
كنــا
ظلمـت
بعشـر
|
سـادوا
وأكـثرهم
بأرضـك
أعبـد
|
يـا
أفـق
لـولا
في
الأرض
لي
وطن
|
لكــان
فـي
بعـض
زهـرك
السـكن
|
أرض
ســـقاني
نميرهــا
قــدماً
|
وجــاد
لـي
مـن
ثمـاره
الغصـن
|
يســـير
بــي
حبهــا
فــاتبعه
|
يفتننـــي
حســـنها
فـــأفتتن
|
ويلــي
مــا
للبعــاد
يحزننـي
|
حســبي
مــا
جــره
لـي
الحـزن
|
أبكــي
ويبكـي
معـي
أخـو
شـجن
|
لا
يضــحك
الـدهر
مـن
لـه
شـجن
|
يـا
وطنـاً
قـد
جـرى
الفساد
به
|
مــتى
يرينــا
أصــلاحك
الزمـن
|
دفنــت
حيــاً
ومــا
دنـا
أجـل
|
مـا
ضـر
لـو
دافنـوك
قد
دفنوا
|
دمــاء
ابنــائك
الكـرام
جـرت
|
بحـــراً
فاشــلائهم
لــه
ســفن
|
يــل
ليـت
يـدري
وليـت
باطلـة
|
مـن
خلفـوا
للمقـام
مـن
ظعنوا
|
هبـوا
بنـي
المجـد
إنهـا
فـرص
|
تمضـي
سـراعاً
حـتى
م
ذا
الوسن
|
أمنتــم
الــدهر
فــي
غـوائله
|
والـدهر
خـوان
الألـى
ائتمنـوا
|
لم
تحفظوا
البأس
مثل
من
حفظوا
|
لم
تخزنوا
المال
مثل
من
خزنوا
|
وا
أســفاً
يـا
زمـان
وا
أسـفاً
|
أفنيــت
ظلمـاً
رجالنـا
ففنـوا
|
نحـن
هـدمنا
والسـالفون
بنـوا
|
نحـن
اسـترحنا
والسالفون
عنوا
|
يـا
معهـداً
للخطـوب
مـا
عهـدت
|
مثلـــك
عيـــن
لنـــا
ولا
أذن
|
هـــذي
بلاد
كالـــدو
مقفـــرة
|
أبيــات
أبائنــا
بهــا
دمــن
|
فليبعــث
العــدل
مـن
ضـريحته
|
وليتمــزق
عــن
جســمه
الكفـن
|
واللـــه
لا
تجتلــي
محاســنها
|
وليــس
فينــا
مـن
فعلـه
حسـن
|
عــز
علينـا
فـروق
مـن
قطنـوا
|
فيـك
فهـم
فـي
العذاب
قد
قنوا
|
كــان
لهـم
ليـن
دهرهـم
ولقـد
|
نبــا
بهــم
عنــه
مـوطن
خشـن
|
كنــت
لهـم
مغنمـاً
إذا
غرمـوا
|
كنــت
لهــم
غنيـة
إذا
غبنـوا
|
وإنمــــا
تصــــلح
البلاد
إذا
|
رجالهــا
للصــلاح
قــد
فطنـوا
|
نشــــتاق
حريـــة
فيؤيســـنا
|
مــن
دهرنـا
عـن
حبائهـا
ضـنن
|
أوهننــــا
حبهـــا
وتيمنـــا
|
حــتى
برانــا
وشــفنا
الـوهن
|
إن
نحوهــا
نحــو
منــة
عظمـت
|
تصـغر
فـي
جنـب
نيلهـا
المنـن
|
حلـــت
بـــأرض
فلا
تزايلهـــا
|
فـالروح
فيهـا
ترتـاح
والبـدن
|
ظــل
لهــا
مورقــاً
لهـم
فنـن
|
ونحــن
فينــا
لا
يـورق
الفنـن
|
تجسســــوا
إنمـــا
تجسســـكم
|
بمثلكـــم
لا
بمثلنـــا
قمـــن
|
قولــوا
غـداً
للمليـك
ذا
خـبر
|
لقــد
أتانــا
بــه
هــن
وهـن
|
نطعنكـــم
والطعــان
يؤلمنــا
|
والطعـن
قـد
يـؤلم
الألى
طعنوا
|
مــتى
يعيــد
النهــى
محبتنـا
|
وينجلــي
عــن
قلوبنـا
الضـغن
|