شـــملتك
بالألطــاف
رحمــة
راف
|
رحمــى
تلــم
وصــائل
الأشــراف
|
ووقتـك
مـن
لفـح
الهجيـر
غمامة
|
وطفــاء
تنـثر
دمعهـا
المتكـاف
|
وعلــى
ربوعــك
وهـي
سـفح
سـجد
|
وكفـت
غمامـات
الحيـا
المتضـاف
|
وشـفا
الحجا
كل
الشفاء
بشرج
من
|
شــرح
الأنـام
بمـا
يروقـك
شـاف
|
نقــط
المتـون
لنـا
بقلا
المنـا
|
وأجــاد
شــكلة
أحــرف
الأسـياف
|
عجبـا
لـذاك
ولـم
يسـامر
قارئا
|
مــن
أيـن
جـاء
بخـالص
الانصـاف
|
لـم
لا
يجيـء
ومـن
أصـول
أصـوله
|
خيـر
الـورى
المنعوت
في
الاعراف
|
حســب
تخلـد
ماجـداً
بـالارث
مـن
|
أزمـان
هاشـم
وابـن
عبـد
منـاف
|
جمعـوا
عليـه
الهـول
وهو
بمفرد
|
جمــع
تكســر
مــن
كفــور
جـاف
|
جبـــل
تدكــدك
هيبــة
لجلالــه
|
فــي
مظهــر
عنـد
التحقـق
خـاف
|
مـاذا
عليهـم
لـو
تربـص
رأيهـم
|
وثنــوا
أعنتهــم
إلـى
الانصـاف
|
واهــتز
بحــر
جيوشــهم
لمجيئه
|
حـتى
انجلـى
ونجـا
إلـى
الاطراف
|
فــي
ظــل
خضـر
فهـو
دهـم
ضـمر
|
وعليهــم
قمــص
الحديــد
ضـواف
|
عجــب
لأمــة
أحمــد
مــن
بعـده
|
يتقصـــفون
بنيـــة
كالاهـــداف
|
أتـرى
اقتضـاداً
أن
تشال
رؤوسهم
|
فــوق
الرمــاح
لقــوة
الارجـاف
|
مــا
رأس
هــذا
غيـر
رأس
محمـد
|
وهــو
ابنــه
حقــاً
بغيــر
خلاف
|
مـــا
جســمه
إلا
بقيــة
جســمه
|
أو
ليـــس
ذاك
لأحمـــد
بمضــاف
|
همعــت
عليكــم
آل
أحـد
عـبرتي
|
همــع
الغمــام
بروضــة
مينـاف
|
وتــدرعت
بــالحزن
نفسـى
فيكـم
|
درعــا
نحــاه
جمـود
سـيف
صـاف
|
رثــت
ديانتنــا
فمــن
لمحمــد
|
ولآلـــه
كـــاف
ومنــك
الكــاف
|
قـاد
الـذي
غـدت
الطيور
نوادبا
|
لنعيــــه
وتجللــــت
بقـــذاف
|
وتــولّ
عنــا
وهــو
عـذب
بـارد
|
أسـرى
العـدا
فـي
حالـة
الأشراف
|
نــدما
يطــول
لجرقــل
ولحزبـه
|
بقــواف
طعــن
لا
قــواف
زحــاف
|
أبنى
الزنا
وذوي
الخنا
هل
بشعة
|
ثقلــت
كبشــعتكم
علـى
الأكتـاف
|
ونــوادر
كـانت
لكـم
فـي
دفـتر
|
قصــت
كتــابته
علــى
العــراف
|
خلـق
الهوى
مما
استبحتم
ما
جرى
|
مــن
كـل
خـرق
مـا
لـه
مـن
راف
|
شــؤم
لكــم
ومطــامع
لقلـوبكم
|
كالنـار
تلهـب
فـي
ذرى
الاسـعاف
|
ولكــم
دمــار
لا
يــزال
وذلــة
|
وعبــوس
أحــوال
تقــوم
جــواف
|
صـبرا
حـذافير
الأديـم
لكـم
بنا
|
هــولا
يطــول
ولات
حيــن
منــاف
|
ومشــاهد
تثنــي
علينـا
دونكـم
|
حســن
الثنـاء
بشـرب
كـاس
صـاف
|
يا
أحمد
المحمود
بين
ذوي
العلا
|
بعــدت
علاك
فمــا
عــواف
قـواف
|
إن
تبـق
بعـدك
عيـن
مـاء
قطـرة
|
مــن
دمعهــا
فلقلــة
الانصــاف
|
أو
تـذر
هـذي
الريـح
مـن
سـافي
|
الســفا
ولــو
قلا
تقــل
بكتـاف
|
بلــغ
ذوي
عــوض
بقطــع
اضـافة
|
مهلا
إلام
الحادثــــات
كفــــاف
|
وتــولّ
عنــى
إن
أخـذت
نصـيحتي
|
لهمــا
بقــرب
اماتــة
برعــاف
|
همـج
الأنـام
طغـام
أندال
الورى
|
البـــائعين
نعيمهـــم
بعــواف
|
هـل
مـن
ذوي
علـم
وحلـم
عنـدهم
|
حجـــج
يســفه
لابســين
كــوافي
|
تجنــى
أيــاديهم
ثقـال
جـرائم
|
ويعرضـــون
الســـفه
للمتســاف
|
فعليهــم
أوزارهــم
وحمـول
مـن
|
بهــم
اقتـدى
ولهـم
خريـر
ضـاف
|
مـال
الحـرز
ينفع
أهله
من
نكبة
|
يومــا
ولا
حســب
الجـدود
بكـاف
|
أعلـى
أنـت
المرتضـى
وأبو
الذي
|
غــالته
حــرب
أولاء
غيـر
مجـاف
|
وحليــف
علــم
كـامن
فـي
خلـوة
|
تجلــو
علهــي
شـراب
كـاس
صـاف
|
خـذ
مـا
تشـاء
لـذاك
غير
محاسب
|
واســلل
عليهــم
صـارم
الأسـياف
|
وهنــت
ديانتنـا
فهـان
لهونهـا
|
حاشـــاك
عــزة
هاشــم
ومنــاف
|
بأجــل
مـن
يضـنو
لسـطوة
قهـره
|
قنــن
الجبــال
مقلــدا
بزحـاف
|
إذ
عليــه
تكـاد
تنفطـر
السـما
|
أســفا
وتتلــى
ســورة
الأحقـاف
|
قتلــوا
بنيـه
وحللـوا
محـدوره
|
وعلــوا
عليــه
بكـل
فعـل
شـاف
|
وتعبــدوا
لالههــم
وهــو
جرقـل
|
فلالـه
جرقـل
فـي
الحقيقـة
هـاف
|
يـا
مـن
شرحت
من
الشفاء
مواضعا
|
شــفت
العضـال
ومنـك
ذلـك
كـاف
|
هلا
تكامــــل
شـــرحه
ولعلـــه
|
متكامــــل
حـــالا
بلا
إجحـــاف
|