درســيني
آيــات
ســفر
هـواك
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فوقــوفي
بهــا
علــى
معنـاك
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ولعمــــري
مـــالحب
إلا
دروس
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جـــل
تحليلهــا
عــن
الإدراك
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أنــا
لا
مدرّســي
اطلــع
منـي
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بكتــاب
الهــوى
ولا
مدرســيه
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حيـث
أنـي
طـالعته
وأنـا
فـي
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عـالم
الـذر
قبـل
هذي
البريه
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فكـأني
مـا
كنـت
أمعنـت
فيـه
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نظـــري
عــن
تفكــر
ورويــه
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ليـت
شـعري
وهـل
هنـاك
خـبير
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حـلّ
منـه
بعـض
الرموز
الخفيه
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غيــر
أن
الطيـور
تعـرب
عنـه
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فـي
بطـون
الأقفاص
بعد
الشباك
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كــم
خـبير
لكنـه
ليـس
يـدري
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كيـف
كـان
الهـوى
وكيـف
يكون
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أهــو
عقــل
مثقــف
يـدرك
ال
|
جـزء
مـع
الكـل
ناضج
أم
جنون
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أم
سـطور
فـي
صفحة
الكون
خطت
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أم
رمــوز
مجهولــة
أم
فنـون
|
أم
فضــاء
والصـب
تسـبح
فيـه
|
روحــه
فــي
رفاهـة
أم
سـجون
|
لسـت
أدري
وليتنـي
كنـت
أدري
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والآم
العشــــاق
بالإرتبـــاك
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أيـن
أهـل
الآراء
من
حاولت
في
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حسـن
آرائهـا
اكتشـاف
السماء
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والـذين
امتطـوا
متـون
جيـاد
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مــن
بخـار
وحلقـوا
بالفضـاء
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واســتقلوا
بالإبتكـار
فجـاؤا
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بعـد
نـار
البعرور
بالكهرباء
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هـل
ترون
الهوى
بسيطا
وهل
هم
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حللـــوه
تحليلهــم
للهــواء
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هكــذا
ضــّلت
العقــول
لـديه
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وهــي
مـا
بيـن
هدنـة
وعـراك
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حبـذا
لـو
عرفـت
يامي
بعد
ال
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فحـص
معنـى
الهوى
وأدركت
سرّه
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فلعلـــي
أطيقـــه
فاقاســـي
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خيــره
كيـف
مـا
يكـون
وشـره
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وأرانــي
بلغــت
فيــه
منـاه
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إذ
هو
البحر
والمدى
كان
جسره
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وحقيــق
إذا
البحــار
جميعـا
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لـم
تكـن
فـي
محيطه
غير
قطره
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فهلمـــي
حــتى
تمــر
عليــه
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ويـــدي
هــذه
فــأين
يــداك
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