إنـــــــي
للاح
للزمـــــــان
ولائم
|
إن
لا
تكــــن
للصـــفو
فيـــه
ولائم
|
يـــا
ســـعد
قـــل
للآصـــفي
مهنئاً
|
لمــا
نجــوت
نجــت
علــيَ
ومكــارم
|
فحياتــك
العليــا
حيــاة
نفوســنا
|
ومــتى
ســلمت
فكلنــا
بــك
ســالم
|
مـاذا
علـى
مـن
عنـده
الـدرياق
لـو
|
نفخـــت
عليـــه
بالســموم
أراقــم
|
مــا
إن
نخــاف
الـدهر
همـا
ناصـبا
|
وعوامـــل
الإحســـان
منــك
جــوازم
|
وإذا
يميــن
الــدهر
راشــت
أسـهماً
|
فــــدتك
أفئدة
لنــــا
وقــــوادم
|
لتهنئن
الملــــك
بالجـــد
الـــذي
|
قــويت
لــه
بــالعز
منــك
عــزائم
|
فمواســـم
الأيـــام
تـــأتي
مـــرة
|
وبـــك
الليـــالي
كلهـــن
مواســم
|
كــانت
ســبيل
المكرمــات
مجــاهلاً
|
فبــدت
وعــادت
وهــي
منــك
معـالم
|
نســخت
بمحكـم
آي
عـدلك
فـي
الـورى
|
آيــــات
ظلــــم
كلهـــن
مظـــالم
|
ولئن
تســـالم
فالزمـــان
مســـالم
|
ولئن
تخاصـــم
فالزمـــان
مخاصـــم
|
شـتان
بيـن
نـدا
السـحاب
وبيـن
مـا
|
تنــدى
بــه
أيــديك
وهــي
كــرائم
|
فنــدا
الســحابة
قطـرة
مـن
مائهـا
|
ونـــدا
يـــديك
جـــواهر
ودراهــم
|
وبــك
المعــالي
أســفرت
عــن
سـيد
|
الســـعد
خـــادمه
ونعــم
الخــادم
|
جلَّـــت
حُلاه
فــي
اللغــات
بأســرها
|
عـــن
أن
تحيـــط
بكنههــن
تراجــم
|
ملـــك
لأبـــواب
الســـعادة
فاتــح
|
ونـــواله
لأولــى
المكــارم
خــاتم
|
متبصـــر
يقـــظ
يــرى
مــالا
يُــرى
|
وســـواه
مكفــوف
البصــيرة
نــائم
|
متقاعـــد
عمـــا
يشـــين
وســـيفه
|
بشــعائر
الــدين
القويمــة
قــائم
|
يبــدو
لــه
فــي
كــل
ليــل
ملمـة
|
همـــم
لهـــام
النيـــرات
تزاحــم
|
نفحــاته
فــي
الكـون
ينشـر
عطرهـا
|
عــزم
علــى
حســن
الطويــة
عــازم
|
أجـــرى
بخــد
الأرض
دمــع
عيونهــا
|
فبــدت
ثغــور
الــدهر
وهـي
بواسـم
|
ولــه
الجــواري
المنشــآت
كأنهــا
|
مــن
فــوق
هامــات
السـحاب
عمـائم
|
وله
الرجال
أولوا
الشكيمة
في
الوغى
|
نعــم
الجنــود
تصــول
وهـي
ضـراغم
|
تــه
يـا
زمـان
بـه
علـى
زمـن
مضـى
|
لا
يســتوي
البحــر
الخضــم
وحــاتم
|
أفقيســت
الشــمس
المنيـرة
بالسـهى
|
أم
هــل
تمــاثلت
العصــى
والصـارم
|
لا
غــرو
أن
جمعــت
لـك
الأضـداد
فـي
|
مــا
قـد
حكمـت
وأنـت
نعـم
الحـاكم
|
يـا
آصـفي
العصـر
يـا
مـن
قـد
صـفت
|
منـــه
يـــدان
مـــواهب
ومغـــانم
|
خــذها
عقــوداً
مــن
حلاك
وليـس
لـي
|
فــي
الـدر
شـيء
غيـر
أنـي
النـاظم
|
قــالت
تهــاني
الحـظ
فـي
تاريخهـا
|
بشــرى
المنــى
جــاءت
بأنـك
سـالم
|