تـركــتني
هــا
هــنا
بـين
الـعذاب
|
و
مــضت
يـا
طـول
حزنـي
و
اكتئابي
|
تـركـــتني
لـلــشقا
وحـــدي
هــنا
|
و
اســتراحت
وحــدها
بــين
الــتراب
|
حـيــــث
لا
جـــــور
و
لا
بــــغي
و
لا
|
ذرّة
تـنــبي
و
تـنــبي
بـالـخراب
|
حــيـــث
لا
سـيـــف
و
لا
قـنــبلة
|
حــــيث
لا
حــــرب
و
لا
لـــمع
حـــراب
|
حـيــــث
لا
قـيـــد
و
لا
ســــوط
و
لا
|
ظـالـــم
يـطـــغى
و
مــظلوم
يــحابي
|
خـلّــفتني
أذكـــر
الـصـفو
كـما
|
يـذكـــر
الـشـــيخ
خـــيالات
الـــشباب
|
و
نـــأت
عـنّــي
و
شــوقي
حـولها
|
يـــنشد
الماضــي
و
بــي
أوّاه
مـا
بـي
|
و
دعـاهــا
حـاصــد
الــعمر
إلــى
|
حــيث
أدعــوها
فــتعيا
عــن
جـوابي
|
حـيــث
أدعـوهــا
فـــلا
يــسمعني
|
غــير
صــمت
الــقبر
و
القفـر
اليبـاب
|
مـوتــها
كـــان
مـصــابي
كـلّـه
|
و
حـيـــاتي
بـــعدها
فـــوق
مـــصابي
|
أيـــن
مـنّي
ظـلّها
الـحاني
و
قـد
|
ذهـبـــت
عـــنّي
إلـــى
غــير
إيــاب
|
سـحـــبت
أيّـامـــها
الــجرحى
عــلى
|
لـفــحة
الــبيد
و
أشــواك
الـهضاب
|
ومـــضت
فـــي
طـــرق
الــعمر
فــمن
|
مـــسلك
صـــعب
إلــى
دنــيا
صــعاب
|
وانــتهت
حــيث
انــتهى
الــشوط
بها
|
فـاطــمأنّت
تــحت
أســتار
الــغياب
|
آه
"
يـــا
أمّـي
"
و
أشـواك
الأسـى
|
تــلهب
الأوجــاع
فــي
قــلبي
المـذاب
|
فـيـــك
ودّعـــت
شــبابي
و
الــصبا
|
وانـــطوت
خـــلفي
حـــلاوات
التصـابي
|
كـيـــف
أنـســـاك
و
ذكـــراك
عــلى
|
سـفــر
أيّــامي
كــتاب
فــي
كـتاب
|
إنّ
ذكـــــراك
ورائــــي
و
عـلــى
|
وجـــهتي
حـــيث
مـــجيئي
و
ذهـــابي
|
كــــم
تـذكّــرت
يـديــك
وهـمــا
|
فـــي
يــدي
أو
فــي
طعـامي
و
شـرابي
|
كــــــان
يـضـــنيك
نـحـــولي
و
إذا
|
مـسّــني
الـبــرد
فـزنــداك
ثـيابي
|
و
إذا
أبـكـانــي
الـجـوع
و
لــم
|
تــملكي
شــيئا
ســوى
الــوعد
الكـذّاب
|
هـدهــدت
كـفــاك
رأســـي
مــثلما
|
هـدهـــد
الــفجر
ريــاحين
الــرّوابي
|
كـــم
هـدتــني
يــدم
الـسمرا
إلـى
|
حقلنـا
فـي
الغـول
فـي
قاع
الرحاب
|
و
إلـــى
الــوادي
إلـى
الـظلّ
إلـى
|
حـــيث
يـــلقي
الــروض
أنفـاس
الملاب
|
و
سـواقــي
الـنــهر
تــلقي
لـحنها
|
ذائــبا
كــاللطف
فــي
حـلو
الـعتاب
|
كــــم
تـمــنّينا
و
كـــم
دلّـلـتني
|
تــحت
صـمت
اللّيـل
و
الشـهب
الخوابي
|
كـــم
بـكــت
عـيــناك
لــمّا
رأتــا
|
بــصري
يــطفا
و
يطـوي
فـي
الحجـاب
|
و
تـذكّـــــرت
مـصـــــيري
و
الــــجوى
|
بـين
جـنبيك
جـراح
فـي
الـتهاب
|
هـــا
أنـــا
يــا
أمّــي
الـيوم
فـتى
|
طـائــر
الـصــيت
بــعيد
الــشهاب
|
أمــــلأ
الـتـــاريخ
لـحـــنا
وصــدى
|
و
تـغــني
فــي
ربـا
الـخلد
ربـابي
|
فـــاسمعي
يـــا
أمّ
صــوتي
وارقــصي
|
مــن
وراء
الـقبر
كـالحورا
الـكعاب
|
هـــا
أنـــا
يـا
أمّ
أرثـيك
و
فـي
|
شــجو
هــذا
الشـعر
شـجوي
و
انتحـابي
|