مــن
غرامــي
بقرطهــا
والقلادة
|
إن
أمــت
مغرمـاً
فمـوتي
شـهاده
|
غــادة
حـلّ
حبّهـا
فـي
السـويدا
|
ورمــى
ســهمها
الفـؤاد
فصـاده
|
نحوهــا
تنــزع
النفـوس
فتلقـا
|
هالـــداعي
مزارهـــا
منقــاده
|
وإذا
عـــرج
النســـيم
عليهــا
|
هــز
تلــك
المعــاطف
الميـاده
|
زارنـــي
طيفهــا
ومَــنَّ
بوعــدٍ
|
هـل
تـرى
الطيـف
منجـزاً
ميعاده
|
مـــن
لصــب
يصــب
صــيب
دمــعٍ
|
مـذ
صـبا
نحوهـا
أصـابت
فـواده
|
ليــس
إلا
لهــا
وللنفــر
الـبي
|
ض
بنظــم
القريـض
يجـري
جيـاده
|
يــا
غريبــاً
بـأي
وادٍ
أقـاموا
|
مـن
فسـيح
البلاد
صـاروا
عهـاده
|
آل
بيـــت
الرســـول
أشــرف
آلٍ
|
فـي
الـورى
أنتـم
وأشـرف
سـاده
|
أنتــم
السـابقون
فـي
كـل
فخـرٍ
|
أســس
اللــه
مجــدكم
وأشــاده
|
أنتــم
للــورى
شــموس
وأقمــا
|
ر
إذا
مـا
الضـلال
أرخـى
سـواده
|
أنتـــم
منبــع
العلــوم
بلا
ري
|
ب
وللــدين
قــد
جعلتـم
عمـاده
|
أنتــم
نعمــة
الكريــم
علينـا
|
إذ
بكـم
قـد
هـدى
الالـهُ
عبـاده
|
لــم
يــزل
منكـم
رجـال
وأقطـا
|
بٌ
لمــن
أســلموا
هـداةً
وقـاده
|
أنتـم
العـروة
الوثيقـة
والحـب
|
ل
الـذي
نـال
مـا
سكوه
السعاده
|
ســفن
للنجــاة
إن
هــاج
طوفـا
|
ن
الملمّـات
أو
خشـينا
ازديـاده
|
وبكــم
أمـن
أمـة
الخيـر
إذ
أن
|
تــم
نجــوم
الهدايـة
الوقـادّه
|
أذهـب
اللـه
عنكم
الرجس
أهل
ال
|
بيـت
فـي
محكـم
الكتـاب
أفـاده
|
وبتطهيــر
ذاتكــم
شــهد
القـر
|
آن
حقــاً
فيـا
لهـا
مـن
شـهاده
|
لا
بمـا
قـد
عملتمـوه
مـن
الخـي
|
ر
ولكـــن
قضــت
بــذاك
الإراده
|
مــن
يصــلّي
ولــم
يصـلِّ
عليكـم
|
فهــو
مبــدٍ
لـذي
الجلال
عنـاده
|
معشــرٌ
حبكـم
علـى
النـاس
فـرض
|
أوجـب
اللـه
والرسـول
اعتمـاده
|
فــازمن
راس
مــاله
مـن
رضـاكم
|
لــم
يخـف
قـط
ذات
يـوم
كسـاده
|
حبكـم
يغسـلُ
الـذنوبَ
عـن
العـب
|
د
ولا
غـــرو
ان
يزيــل
فســاده
|
وبكــم
أيهــا
الأئمــة
فـي
يـو
|
م
التنـادي
على
الكريم
الوفاده
|
يــوم
تــأتون
واللـواء
عليكـم
|
خــافقٌ
مــا
أجلهـا
مـن
سـياده
|
والمحبــون
خلفكــم
فــي
أمـانٍ
|
حيـن
قـول
الجحيـم
هل
من
زياده
|
فـاز
واللـه
فـي
القيامـة
شـخصٌ
|
لكــم
بــالوداد
أدّى
اجتهــاده
|
كـل
مـن
لـم
يحبكم
فهو
في
النا
|
ر
وإن
أوهنــت
قــواه
العبـاده
|
هكـذا
جاءنـا
الحـديث
عـن
الها
|
دي
فمـن
ذا
الـذي
يروم
انتقاده
|
كــل
قــالٍ
لكــم
فأبعـده
الـل
|
ه
وعـــن
حوضــكم
هنالــك
ذاده
|
خـاب
مـن
كـان
مبغضـاً
أحـداً
من
|
كـم
ومـن
قـد
أساء
فيه
اعتقاده
|
ضــلَّ
مــن
يرتجــي
شــفاعة
طـه
|
بعـــد
أن
كــان
مؤذيــاً
أولاده
|
بـاء
بـالمقت
في
الحياة
من
الل
|
ه
الــذي
صــير
الجحيـم
مهـاده
|
وروى
القـوم
إن
مـن
كـان
سب
ال
|
فـــاطميين
دأبـــه
واعتيــاده
|
لـم
يمـت
والعيـاذ
بـالله
حـتى
|
نـر
عـن
ملـة
الرسـول
ارتـداده
|
ليـت
شـعري
مـن
الـذي
كـان
تعظ
|
يم
بني
المصطفى
إلى
الحشر
زاده
|
فهــم
الخصــب
للبريــة
لــولاذ
|
هـم
لخفنـا
مـن
الزمان
اشتداده
|
آل
بيـت
الرسـول
كـم
ذا
حـويتم
|
مـــن
عفــافٍ
وســوددٍ
وزهــاده
|
أنتـــم
زينــة
الوجــود
ولا
زل
|
تـم
بجيـد
الزمـان
نعـم
القلاده
|
فيكــم
يعــذب
المديــح
ويحلـو
|
وبــه
يســرع
القريـض
انقيـاده
|
وبكــم
يلهــج
المحــبّ
ويشــدو
|
يـا
بنـي
المجـد
لا
بغـان
وغاده
|
كيــف
يحصـي
فخـاركم
رقـم
أقلا
|
م
ولــو
كــانت
البحـار
مـداده
|
أنتـــم
أنتــم
حلــول
فــؤادي
|
فـاز
واللـه
مـن
حللتـم
فـؤاده
|
أنــا
خــدّامكم
وتُــربُ
حــذاكم
|
والأســير
الــذي
ملكتـم
قيـاده
|
وأنـا
العبـد
والرقيـق
الذي
لم
|
يكــن
العتــق
ذات
يـومٍ
مـراده
|
ارتجــى
الفضــل
منكــم
وجـدير
|
بكــم
المــنّ
بالرّجــا
وزيـاده
|
فاســتقيموا
لحــاجتي
ففــؤادي
|
مخلــــصٌ
حبّـــه
لكـــم
ووداده
|
إن
لـي
يـا
بنـي
البتـول
إليكم
|
فـــي
انتســابي
تسلســلاً
وولاده
|
خلفتنــي
الـذنوب
عنكـم
فريـداً
|
فـارحموا
عجـز
عبـدكم
وانفراده
|
فلكــم
عنــد
ربكــم
مـا
تشـاؤ
|
ن
وجـــاه
لا
تختشـــون
نفــاده
|
ربّ
غثنــا
بهــم
فإنــك
بـالعب
|
اس
غثــت
الأنـام
عـام
الرمـاده
|
وبهــم
أنعــش
الشـريعة
واكشـف
|
إن
طمـا
الجهـل
شـؤمه
واسوداده
|
وارض
عنهــم
وزدهــم
فيـض
فضـلٍ
|
منـك
يـا
مـن
لـه
التفضـّل
عاده
|
وعليهـــم
مــع
الرســولِ
ســلام
|
ليـس
يحصـي
سـوى
الكريـم
عداده
|